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उज्जैन इस्कॉन मंदिर में 15–17 अगस्त को भव्य जन्माष्टमी महोत्सव, 56 भोग से लेकर महाआरती तक खास तैयारियां; 4 लाख की पीली पोशाकों में सजेंगे भगवान!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में इस बार जन्माष्टमी का पर्व भव्यता और भक्ति से सराबोर होने वाला है। 15 से 17 अगस्त तक चलने वाला यह तीन दिवसीय महोत्सव भक्तों को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा। मंदिर प्रशासन ने न केवल धार्मिक अनुष्ठानों की विस्तृत योजना बनाई है, बल्कि भक्तों की सुविधा और दर्शन व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया है।
मंदिर के कम्युनिकेशन डायरेक्टर राघव पंडित दास के अनुसार, महोत्सव की शुरुआत 15 अगस्त की सुबह 6 बजे नगर संकीर्तन से होगी। कृष्ण-बलराम रथ के साथ यह शोभायात्रा इस्कॉन मंदिर से निकलकर विक्रम वाटिका और कोठी मार्ग होते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी। इसी दिन शाम 4 बजे से 56 भोग का भव्य आयोजन किया जाएगा, जहां भक्तजन विविध प्रकार के फरियाली व्यंजन देख और चख सकेंगे।
16 अगस्त, जन्माष्टमी के दिन, सुबह की दर्शन आरती में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और अन्य विग्रहों का नूतन वस्त्रों में प्रथम दर्शन होगा। इस बार भगवान के लिए पीले रंग की विशेष पोशाक तैयार की गई है, जिसमें डायमंड, मोती, सिल्क कपड़ा, रेशमी धागा और अन्य उत्कृष्ट सजावटी सामग्री का प्रयोग हुआ है। करीब तीन महीनों से पंकज नेत्र दास, मदन मोहन, निर्मला नंद दास, षड्भुज प्रभु, उदय प्रभु, राजा प्रभु, सूर्य प्रभु और कुश प्रभु की टीम इन पोशाकों को बनाने में जुटी हुई थी। कुल 20 विग्रहों के लिए बने इन वस्त्रों पर लगभग 4 लाख रुपए का व्यय हुआ है।
दिनभर भजन-कीर्तन और कथा के बीच शाम 5 बजे से अभिषेक की शुरुआत होगी। भक्त स्वयं भी प्रतिकृति विग्रह पर अभिषेक कर सकेंगे। परिसर में लगी धार्मिक प्रदर्शनी और स्टॉल से श्रद्धालु भक्ति-वर्धक ग्रंथ, प्रसाद और आध्यात्मिक साहित्य प्राप्त कर पाएंगे। रात्रि 10:30 बजे महा-अभिषेक और ठीक 12 बजे महाआरती के साथ जन्माष्टमी का मुख्य पर्व अपने चरम पर पहुंचेगा। पूरे दिन फरियाली प्रसाद का वितरण जारी रहेगा।
17 अगस्त को नंद उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें श्रीकृष्ण के बाल रूप की झांकियां विशेष आकर्षण होंगी। इसी दिन इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभूपाद जी के आविर्भाव दिवस पर उनकी महिमा का वर्णन और विशेष प्रसाद वितरण होगा।
दर्शन व्यवस्था के तहत भक्तों की लाइन विकास प्राधिकरण चौराहे से लगेगी, जहां जूता स्टैंड भी रहेगा। शीघ्र दर्शन पास वाले भक्त भी यहीं से प्रवेश कर सकेंगे। इस मार्ग पर झांकियां और प्रदर्शनी लगाई जाएंगी, जिससे भक्त कतार में रहते हुए भी भक्ति भाव में डूबे रहेंगे।